रेड सिंधी या लाल सिंधी प्रजाति
रेड सिंधी गाय दूध उत्पादन के क्षेत्र में प्रचलित नस्ल है । ये देसी गाय लाल रंग की होती है, साथ ही सिंध प्रांत से इसकी उत्पत्ति होने के कारण इसका नाम लाल सिंधी गाय पड़ा। इस प्रजाति की गायें अपनी बहुत सारी खूबियों के कारण एशियाई देशों में प्रचलित है। लाल सिंधी गायें भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका के साथ कई दूसरे देशों में व्यापक स्तर पर दूध उत्पादन के लिए पाली जा रही हैं। इस नस्ल के संरक्षण के लिए भी देश के कुछ हिस्सों में व्यापक उपाय किए जा रहे हैं ।
रेड सिंधी या लाल सिंधी नस्ल की उत्पत्ति
इस प्रजाति की गाय पहले सिर्फ सिंध इलाके में पाई जाती थीं, लेकिन अब यह गाय पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल और ओडिशा में भी पायी जाती हैं। हालांकि वर्तमान में इस गाय की संख्या भारत में काफी कम है, इसी वजह से इस नस्ल के संवर्धन के लिए केन्द्र बनाए गए हैं ।
रेड सिंधी या लाल सिंधी प्रजाति के और नाम
रेड सिंधी या लाल सिंधी नस्ल की गायों को मलिर नाम से भी जाना जाता है । इस प्रजाति की गायें रेड कराची और सिंधी नाम से भी जानी जाती हैं ।
रेड सिंधी या लाल सिंधी गाय की शारीरिक विशेषताएं
रंग –
इस गाय का रंग लाल बादामी सा होता है । रंग और आकार में ये काफी कुछ साहीवाल नस्ल से मिलती-जुलती नजर आती हैं ।
रेड सिंधी गाय के सिर का आकार परिमित होता है । अगला हिस्सा थोड़ा उभरा हुआ होता है । इनके सींग जुड़ाव के स्थान पर मोटे और अन्दर की ओर झुके हुए होते हैं, सींग सिरों पर मुथरे होते हैं । रेड सिंधी गाय की आंखें बड़ी, साफ और दूर– दूर होती हैं । इनकी भौहें हल्की होती हैं । गाय की गर्दन छोटी और जुड़ाव पर मोटी होती है । गलका पतला एवं पूर्ण विकसित होता है जो कि पतली पर्तों में लटकता रहता है । रेड सिंधी गाय के गले की त्वचा मुलायम होती है । बात करें नर रेड सिंधी की तो इनका रंग अत्यधिक गहरा लाल होता है । ये पशु बहुत सीधे स्वभाव के होते हैं ।
रेड सिंधी प्रजाति के नर और मादा दोनों ही मध्यम आकार एवं गठीले सुदृढ़ शरीर वाले होते हैं ।
इस प्रजाति की गायों के अयन विकसित, बड़े और शरीर से लटके हुए होते हैं । अधिक दूध देने वाली गायों के थनों का आकार एक सा तथा दुग्ध शिरायें काफी मोटी टेढ़ी– मेढ़ी तथा लचकदार होती हैं ।
ऊंचाई और वजन
मादा रेड सिंधी गाय का औसत वजन 325 किलोग्राम तक होता है जबकि नर रेड सिंधी का औसतन वजन 530 किलोग्राम तक हो सकता है । मादा रेड सिंधी गाय की ऊंचाई 115 सेंटीमीटर तक होती है जबकि नर रेड सिंधी की ऊंचाई 132 सेंटीमीटर तक हो सकती है ।
रेड सिंधी या लाल सिंधी गाय की दूध उत्पादन क्षमता
ये प्रजाति अधिक दुग्ध उत्पादन के लिए जानी जाती है । इस नस्ल की गायों का औसतन दुग्ध उत्पादन लगभग 1,725 किलोग्राम प्रति ब्यांत है । नर पशु हल्के कार्यों के लिये प्रयोग में लाए जाते हैं । साहिवाल गायों की ही तरह लाल सिंधी गाय भी सालाना 2000 से 3000 लीटर तक दूध दे सकती हैं। रेड सिंधी गाय के दूध में 5 प्रतिशत वसा पाई जाती है । इस वजह से ये दूध बहुत ही फायदेमंद माना गया है ।
दूध की खासियत
रेड सिंधी गायों की खासियत के बारे में बात करें तो ये गाय पानी की कमी और बढ़ते तापमान में भी दूध देती रहती हैं । करीब 45 डिग्री तापमान में भी यह गाय आसानी से दूध दे सकती है। यानी कम इनपुट में इनसे ज्यादा उत्पादन लिया जा सकता है। रेड सिंधी गायों की दुग्ध उत्पादन क्षमता, गिर और साहीवाल गायों के मुकाबले अधिक बताई जाती है । पशु वैज्ञानिकों ने पाया है कि इस नस्ल की गायें पर्वतीय और मैदानी दोनों क्षेत्रों में पाली जा सकती हैं ।
बीमारियों में फायदा
गाय का दूध कई बीमारियों में फायदा पहुंचाता है, खासतौर से लाइफस्टाइल डिजीज जैसे डायबिटीज, हाई ब्लडप्रेशर में ये फायदेमंद तो है ही । गाय के दूध का सेवन करने और देसी गाय के दूध से बने घी का सेवन करने से कई रोगों से बचाव हो सकता है । गाय का दूध ज्यादा सुपाच्य, स्वादिष्ट और सेहतमंद होता है ।
गाय का चारा
वैसे तो ये गाय सामान्य चारे में भी रह सकती है, लेकिन दुग्ध उत्पादन को बेहतर बनाए रखने के लिए गाय की खुराक पर काम करना जरूरी है । गायों को सूखा चारा, हरा चारा, खनिज, दाना मिश्रण सभी कुछ खिलाना चाहिए । सलाह दी जाती है कि फलीदार चारे को खिलाने से पहले उसमे भूसा या तूडी मिला दे। सामान्यतः सभी जानवरों को खाने के रूप में प्रोटीन, ऊर्जा और विटामिन चाहिए होती है। इन सभी खनिज पदार्थों की पूर्ति करने के लिए पशु को अनाज, हरे चारे और सूखे चारे खिलाते हैं। साफ पानी की व्यवस्था गौशाला में अवश्य होनी चाहिए ।
मुख्य प्रदेश
रेड सिंधी गायें भारत में पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल और ओडिशा में भी पायी जाती हैं । ये गायें विदेशों में भी पाली जाती हैं । उत्तराखंड में रेड सिंधी गायों के संरक्षण के लिए विशेष तौर पर काम किया जा रहा है ।
(Related Links: https://nbagr.icar.gov.in/wp-content/uploads/2020/02/Red-Sindhi-Cattle-nbgr.pdf)
रेड सिंधी या लाल सिंधी प्रजाति की गाय की कीमत
लाल सिंधी गाय की कीमत 30,000 से 50,000 रुपए तक हो सकती है । ये गाय अच्छे दुग्ध उत्पादन के लिए जानी जाती है, लेकिन अन्य नस्लों की तुलना में इसका पालन कम ही लोग कर रहे हैं । गाय की कीमत इस पर भी डिपेंड करती है कि आप कहां से, कितनी उम्र की और कैसी गाय खरीद रहे हैं ।यदि कोई पशुपालक इस गाय को खरीदना चाहता है तो नीचे दिए गए लिंक पर जाकर एक बार जरूर देखें, यहां आपको देसी गायों की उन्नत किस्म से जुड़ी समस्त जानकारी उपलब्ध होगी