गिर प्रजाति
भारत की दुधारू गायों में गिर गाय पसंदीदा गाय है । पशुपालक इस गाय से अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं । इस गाय का दूध महंगा बिकता है और उससे निर्मित घी भी ऊंची कीमत पर बेचा जाता है । इस गाय के दूध की खासियत भी कम नहीं, इसके ढेर सारे मेडिकल बेनिफिट हैं । इस गाय को साधारण कहना भूल होगी क्योंकि ये गाय आपको मालामाल कर सकती है । जानकर हैरान होंगे की भारतीय मूल की ये देसी गाय ब्राजील में खूब डिमांड में है । भारत की इस गाय का पालन कर ब्राजील के व्यवसायी भी अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं । गाय की विशेषताएं, दुग्ध उत्पादन क्षमता और अन्य खूबियों पर आगे विस्तार से जानें ।
गिर नस्ल की उत्पत्ति
गुजरात के जूनागढ़ को इस गाय की जन्मस्थली माना जाता है, यानी ये नाम उसे गुजरात से ही मिला है । गिर गाय को राजस्थान के अजमेर और हरियाणा के कुछ इलाकों में भी पाला जाता है । गाय की दूध उत्पादन क्षमता और गुणवत्ता देखकर अब इसकी लोकप्रियता बढ़ती जा रही है ।
गिर प्रजाति के और नाम
गिर नस्ल की गायों को देसण नाम से भी जाना जाता है, इसके अलावा गुजराती, सूरती और काठियावाड़ी के अलावा इन्हें सोरठी भी कहा जाता है ।
गिर प्रजाति की दो उत्तम गाय
देसी गाय की इस नस्ल में स्वर्ण कपिला और देवमणी गायें सबसे अच्छी मानी जाती हैं । इनकी दूध उत्पादन क्षमता उत्तम है और उसकी गुणवत्ता सर्वोत्तम है ।
गिर गाय की शारीरिक विशेषताएं
रंग
गिर नस्ल की गायों का रंग लाल होता है जिस पर सफेद धब्बे पाए जाते हैं ।
लेकिन गिर गायों की पहचान सिर्फ इनका रंग ही नहीं होता । इस नस्ल की गाय की दूसरी शारीरिक बनावट भी जाननी आवश्यक है ।
गिर गाय का सिर गुबंद की तरह होता है, कान लंबे और लटके हुए होते हैं । गिर गाय बहुत ही मजबूत काठी वाली नस्ल होती है । इनका उभरा हुआ माथा गाय की खूबसूरती को बढ़ाता है । गिर गाय की पीठ मजबूत और सीधी रहती है। यह मध्यम से कुछ बड़े आकार की गाय होती हैं।
ऊंचाई और वजन
मादा गिर का औसत वजन 385 किलोग्राम होता है जबकि नर गिर का औसतन वजन 545 किलोग्राम तक हो सकता है । मादा गिर की ऊंचाई 130 सेंटीमीटर तक होती है जबकि नर गिर की ऊंचाई 135 सेंटीमीटर होती है।
गिर गाय की दूध उत्पादन क्षमता
गिर गाय दूध उत्पादन क्षमता के लए पशुपालकों की पसंदीदा गाय है । यह गाय प्रति ब्यांत औसतन 2100 लीटर तक दूध देती है, कभी-कभी ये इसे ज्यादा भी हो सकता है । गिर गाय का लैक्टेशन पीरियड यानी की दूध देने की अवधि साल में 300 दिनों की है । इस अवधि के दौरान गिर गाय लगभग 2 हजार लीटर दूध देती है । एक और गौर करने वाली बात, दरअसल गिर गाय शुरू में कम दूध देती है, जो कि 7-8 लीटर प्रति दिन तक हो सकता है । लेकिन पीक टाइम में ये 15 लीटर तक जा सकता है । इस गाय का दूध ऊंचे दाम पर बिकता है (लगभग 70 रुपए लीटर तक), साथ ही इससे तैयार घी की कीमत भी ऊंची है (लगभग 2000 रुपए प्रति किलो) । यानी पशुपालकों के लिए ये गाय मुनाफे का सौदा है ।
दूध की गुणवत्ता
गिर गाय की इस नस्ल में स्वर्ण कपिला और देवमणी ये दो गायें सबसे अच्छी मानी जाती हैं । इनमें स्वर्ण कपिला करीब 20 लीटर दूध प्रतिदिन देती है, इसके दूध में 7 फीसदी फैट पाया जाता है । जबकि देवमणी का मिलना बहुत मुश्किल माना गया है, ये गाय करोड़ों में एक होती है । गाय के गले की थैली की बनावट के आधार पर इसकी पहचान होती है । गिर गायों से ए-2 दूध मिलता है ।
दूध की खासियत
गिर गाय के लगभग साढ़े तीन लीटर ए-2 दूध में 8 ग्राम प्रोटीन पाया जाता है, जो कि बहुत सेहतमंद है । वहीं इसके दूध में पाई जाने वाली ए-1 कैसिइन प्राटीन स्वास्थ्य के लिए काफी लाभदायक मानी गई है ।
बीमारियों में फायदा
गिर गाय का दूध कई बीमारियों में फायदा पहुंचाता है, खासतौर से लाइफस्टाइल डिजीज जैसे डायबिटीज, हाई ब्लडप्रेशर में ये फायदेमंद तो है ही, इसके दूध का सेवन करते रहने से इन रोगों से बचाव भी होता है । गिर गाय का दूध ज्यादा सुपाच्य, स्वादिष्ट और सेहतमंद होता है ।
गिर गाय का चारा
बढि़या दुधारू गाय है तो इसके चारे का भी खास ख्याल रखें, गिर गाय को चारे में सूखा पदार्थ या ड्राई रफेज, हरा चारा या ग्रीन फोडर और दाना मिश्रण ये तीन प्रकार के चारे के प्रकार खिला सकते हैं । सूखे पदार्थ के लिए तूड़ा, ग्रीन फोडर के लिए बरसीम और जई का प्रयोग कर सकते हैं । दाना मिश्रण के तौर पर चोकर, अनाज और खड़ बिनोला दिया जा सकता है । दाना मिश्रण में नमक और खनिज मिश्रण भी मिलाना चाहिए ।
जीवनकाल और प्रजनन
गिर गाय का जीवनकाल 12 से 15 साल तक का हो सकता है । अपने पूरे जीवनकाल में गिर गायें 6 से 12 बच्चे तक पैदा कर सकती हैं ।
गिर गाय का लालन-पालन
- गिर नस्ल की गायों को जरूरत के अनुसार खुराक देनी चाहिए ।
- गिर गाय को आफरा या बदहजमी हो सकती है, इसलिए चारे का बहुत ध्यान रखना पड़ता है ।
- गिर गाय को स्वच्छ वातावरण पसंद है, इसलिए बारिश, धूप, ठंड और परजीवी से बचाने के लिए अच्छे शेड में गाय को रखें ।
- गाय को शुद्ध हवा और साफ पानी पीने को दें ।
- गिर गाय को गर्भावस्था में अधिक चारा देना चाहिए, इस काल में वो शारीरिक रूप से भी बढ़ती हैं । अच्छे चारे से बछड़ा भी अच्छा होगा और दूध की मात्रा भी ज्यादा होगी ।
मुख्य प्रदेश
भारत में यह गुजरात के अलावा राजस्थान और हरियाणा के कुछ इलाकों में पाली जाती है । भारत की ये देसी गाय ब्राजील की पहली पसंद है ।
गिर प्रजाति की गाय की कीमत
गिर गाय अपने उत्तम क्वालिटी के दूध के कारण ऊंची कीमतों पर मिलती हैं । एक गाय की कीमत 1 से 5 लाख रुपये तक के बीच हो सकती है । लेकिन कोरोना महामारी में आर्थिक संकट के कारण गीर गाय 45 से 60 हजार रुपये में भी बेची जा रही है। गाय की कीमत इस पर भी डिपेंड करती है कि आप कहां से, कितनी उम्र की और कैसी गाय खरीद रहे हैं ।यदि कोई पशुपालक इस गाय को खरीदना चाहता है तो नीचे दिए गए लिंक पर जाकर एक बार जरूर देखें, यहां आपको देसी गायों की उन्नत किस्म से जुड़ी समस्त जानकारी उपलब्ध होगी –